बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने मिर्च पाउडर के पैकेट बाजार से वापस मंगाए आखिर क्यों ?
एफएसएसएआई की टेस्टिंग में पेस्टिसाइड के अंश मानक अनुरूप ना मिलने पर पतंजलि फूड्स को चार टन लाल मिर्च पाउडर के छोटे बैच (200 ग्राम का पैक) बाज़ार से वापस मंगाने पड़े हैं.।
पतंजलि ने 23 जनवरी, गुरुवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के तय मानकों का अनुपालन ना करने के कारण यह कदम उठाना पड़ा है।
कंपनी के सीईओ संजीव अस्थाना ने बताया कि, ‘पतंजलि फूड्स ने चार टन ‘लाल मिर्च पाउडर के छोटे बैच (200 ग्राम का पैक) को बाजार से वापस मंगा लिया है।’

इस मामले पर और प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि , ‘परीक्षण के दौरान उत्पाद के नमूने में कीटनाशक अवशेष (pesticide residue) अधिकतम निर्धारित सीमा के अनुरूप नहीं पाए गए। ’
अस्थाना ने बताया, ‘कंपनी ने अपने डिस्ट्रीब्यूशन चैनल भागीदारों को सूचित करने की त्वरित कार्यवाही की है साथ ही अपने उपभोक्ताओं तक यह जानकारी पहुंचाने के लिए तमाम विज्ञापन भी जारी किए हैं।’
उन्होंने ग्राहकों से अनुरोध किया है कि वह खरीदे गए उत्पाद (लाल मिर्च पाउडर) को वापस कर रिफ़ंड की मांग भी कर सकते हैं।
एफएमसीजी क्षेत्र के एक बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरी आज पतंजलि बिस्किट, नूडल्स, चीनी, तेल और रोजमर्रा के खाने-पीने के तमाम उत्पादों की बड़ी रेंज का उत्पादन और विक्रय करता है।
सितंबर तिमाही में नेट प्रॉफिट में 21% के इजाफे के साथ 309 करोड़ रुपये की वृद्धि पतंजलि ने दर्ज की थी, जिससे परिणामस्वरूप कंपनी की कुल आय बढ़कर 8,199 करोड़ रुपये हो चुकी है।
पिछले साल भी ऐसा ही मामला देखने को मिला था जब हाँगकाँग और सिंगापुर में कीटनाशकों का उच्च स्तर पाए जाने पर एमडीएच और एवरेस्ट जैसे प्रतिष्ठित मसाला ब्रांड के उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी और घरेलू मसाला इसके कारण भारत सरकार ने भी इन मसालों की गुणवत्ता पर जांच के आदेश दिए थे।