चुनाव से पहले नीतीश सरकार का उर्दू वाला दांव – सरकारी अधिकारियों को मिलेगी उर्दू की ट्रेनिंग –
उर्दू भाषा को बढ़ावा देने की सरकार की नई कोशिश
बिहार की नीतीश सरकार ने उर्दू भाषा के विस्तार के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सरकारी विभागों में हिंदी और अंग्रेजी के साथ–साथ उर्दू में भी कामकाज को सरल बनाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को उर्दू की ट्रेनिंग दी जाएगी।
8 अप्रैल से शुरू होगा प्रशिक्षण सत्र
सरकार ने ऐलान किया है कि 8 अप्रैल से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 70 दिनों का उर्दू प्रशिक्षण सत्र शुरू होगा। इस दौरान हर हफ्ते सोमवार से गुरुवार तक दो घंटे की क्लास चलेगी, जिससे सरकारी कामकाज में उर्दू का बेहतर उपयोग हो सके।
सरकार ने इन लोगों को किया आमंत्रित
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के उर्दू निदेशालय ने न केवल सरकारी कर्मियों बल्कि साहित्य, वकालत, शिक्षा, समाजसेवा और पत्रकारिता से जुड़े लोगों को भी उर्दू सीखने के लिए आमंत्रित किया है।
कैसे करें आवेदन?
सरकारी सेवक ऑनलाइन या उर्दू निदेशालय, हिंदी भवन के पते पर आवेदन भेज सकते हैं, जबकि गैर–सरकारी लोग मेल या डाक के जरिए आवेदन कर सकते हैं।
राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा है उर्दू
गौरतलब है कि बिहार में उर्दू को दूसरी सरकारी भाषा का दर्जा प्राप्त है। सरकार के इस कदम से उन लोगों को फायदा होगा जो केवल उर्दू भाषा में ही सरकारी कामकाज कराना चाहते हैं।