CM योगी आदित्यनाथ ने खोले भविष्य की राजनीति के राज—गोरखपुर या दिल्ली? – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है। क्या उनका अगला कदम दिल्ली की राजनीति की ओर होगा या वे गोरखपुर लौटने की तैयारी कर रहे हैं? इंडिया टुडे के कार्यक्रम में सीएम योगी ने खुद इस पर जवाब दिया।
2027 का यूपी चुनाव—80 बनाम 20 की लड़ाई
योगी आदित्यनाथ ने 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर कहा,
“यह 80-20 की लड़ाई होगी—80 प्रतिशत में बीजेपी और उसके सहयोगी होंगे, जबकि 20 प्रतिशत में बाकी सभी विपक्षी दल। हम इसी दिशा में कार्य कर रहे हैं और यही चुनावी नतीजा भी देखने को मिलेगा।”
‘मैं कोई वारिस नहीं, मैं योगी हूं’
बीजेपी में पीएम मोदी के उत्तराधिकारी के सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि वे दिल्ली की राजनीति में आने की इच्छा नहीं रखते। उन्होंने कहा,
“मैं कोई वारिस नहीं हूं। मैं योगी हूं और योगी के रूप में ही काम करना चाहता हूं। भारत माता के सेवक के रूप में मुझे उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा की जिम्मेदारी दी गई है, और मैं उसी के अनुसार कार्य कर रहा हूं।”
गोरखपुर वापसी की जताई इच्छा
सीएम योगी ने यह भी संकेत दिए कि वे भविष्य में गोरखपुर लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा,
“अगर मुझे कार्य करते–करते गोरखपुर जाने का अवसर मिले, तो मैं अपने योगी धर्म को और आगे बढ़ा सकूं। मैं गोरखपुर जाने के लिए ज्यादा उत्सुक हूं।”
औरंगज़ेब पर सीएम योगी का तीखा बयान
औरंगज़ेब को लेकर छिड़े विवाद पर सीएम योगी ने कहा,
“अगर कोई औरंगज़ेब को अपना नायक और आदर्श मानता है, तो मैं मानता हूं कि वह मानसिक विकृति का शिकार है। कोई सभ्य व्यक्ति अपने बेटे का नाम औरंगज़ेब नहीं रखता, क्योंकि उसने अपने पिता शाहजहां को कैद कर दिया था। ऐसे लोगों का सही इलाज उत्तर प्रदेश में होगा।”
क्या सीएम योगी सच में गोरखपुर लौटेंगे या राजनीति उन्हें दिल्ली की ओर मोड़ देगी? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा!