फडणवीस ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग का किया समर्थन, कहा– कानून के दायरे में करना होगा
औरंगजेब की कब्र को हटाने की उठी मांग
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह एक संरक्षित स्थल है, इसलिए इसे कानून के दायरे में रहकर ही हटाया जा सकता है।
कांग्रेस सरकार में ASI संरक्षण में रखा गया मकबरा
फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में औरंगजेब की कब्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में रखा गया था। हालांकि, अब इसे हटाने की मांग उठ रही है, जिस पर सरकार विचार करेगी।
भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने कब्र गिराने की दी थी सलाह
भाजपा सांसद और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोंसले ने कहा था कि औरंगजेब एक चोर और लुटेरा था। उन्होंने सुझाव दिया कि उसकी कब्र को जेसीबी मशीन से गिरा देना चाहिए।
भोंसले ने आगे कहा कि औरंगजेब की कब्र पर जाकर श्रद्धांजलि देने वाले लोग उसी की विचारधारा को आगे बढ़ा सकते हैं। ऐसे लोगों को कब्र को अपने घर ले जाना चाहिए, लेकिन अब उसका महिमामंडन नहीं होने दिया जाएगा।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
3 मार्च 2025 को सपा नेता अबू आजमी ने कहा कि औरंगजेब एक क्रूर शासक नहीं था। उसने कई मंदिर बनवाए और उसकी छत्रपति संभाजी महाराज से लड़ाई धर्म को लेकर नहीं, बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए थी।
4 मार्च को विवाद बढ़ने के बाद अबू आजमी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़–मरोड़कर पेश किया गया। अगर किसी को ठेस पहुंची हो, तो वह अपना बयान वापस लेते हैं।
एकनाथ शिंदे ने किया विरोध:
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने अबू आजमी के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।
औरंगजेब की कब्र का इतिहास
• 1707 में 87 साल की उम्र में औरंगजेब की मौत हुई थी।
• उसकी इच्छा के अनुसार, उसे खुल्दाबाद में उसके गुरु सूफी संत सैयद जैनुद्दीन के पास दफनाया गया।
• मकबरे को बाद में हैदराबाद के निजाम और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन के अनुरोध पर संगमरमर की ग्रिल से घेर दिया गया था।
अब देखना यह होगा कि सरकार इस मांग पर क्या फैसला लेती है और औरंगजेब की कब्र को लेकर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।