संसद में गरमाई बहस: “डिक्टेटरशिप” और “ठोकने” के बयान से मचा हंगामा!
संसदीय सत्र में मल्लिकार्जुन खरगे और उपसभापति के बीच तीखी बहस
बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में अचानक माहौल गरम हो गया जब मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर डिक्टेटरशिप का आरोप लगाते हुए ठोकने की बात कही। उपसभापति ने उन्हें बोलने से रोका, जिससे पूरी सदन में हलचल मच गई।
खरगे का गुस्सा और आरोप: “डिक्टेटरशिप हो गया है!”
जब उपसभापति ने खरगे को बोलने से रोका, तो उन्होंने सीधे चेयर की ओर इशारा कर कहा, “डिक्टेटरशिप हो गया है!” खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों को लेकर उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा है, और उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्हें रोकने की कोशिश की गई, तो वे “ठोकेंगे।“
बातों का पलटा: खरगे ने मांगी माफी, लेकिन…
सदन में हंगामे के बाद, खरगे ने बैकफुट पर आकर हाथ जोड़कर माफी मांगी। हालांकि, उन्होंने चेयर से माफी मांगी, न कि सरकार से। इस पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों के बीच तकरार बढ़ गई।
जेपी नड्डा का तीखा जवाब: “यह अस्वीकार्य भाषा है!”
जेपी नड्डा ने मल्लिकार्जुन खरगे की शब्दों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उनका व्यवहार संसदीय गरिमा के खिलाफ था। उन्होंने खरगे से सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की और कहा कि अगर वह माफी नहीं मांगते, तो इसे कार्यवाही से हटा दिया जाए।