मायावती ने अपने भतीजे आकाश को किया निष्कासित, बोली अपने ससुर के प्रभाव में थे ज्यादा – बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने एक बार फिर अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक के पद से हटा दिया है और साथ ही पार्टी से भी निष्कासित कर दिया है। उन्होंने साफ कर दिया कि उनके जीते–जी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में अब कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। अब आकाश को बसपा से निकाले जाने के बाद उनके सियासी करियर को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं।
कौन हैं आकाश आनंद?
आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। गुरुग्राम से शुरुआती पढ़ाई के बाद आकाश ने लंदन से 2013 से 2016 के बीच एमबीए की शिक्षा प्राप्त की। वापस आने पर उन्होंने बिजनेस संभाला मगर बाद में राजनीति में पदार्पण कर लिया। वर्ष 2017 में मायावती ने सहारनपुर में आयोजित एक रैली में पहली बार आकाश आनंद को मंच पर अपने साथ बैठाकर पार्टी को यह संदेश दिया था कि भविष्य में आकाश संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

मायावाती के बाद नंबर-2 पर थे आकाश
युवाओ में लोकप्रियता के कारण 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में आकाश को स्टार प्रचारक बनाया गया। इसके बाद मायावती ने आकाश को पार्टी का नेशनल कोआर्डिनेटर भी बना दिया था। आकाश का विवाह पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रजा से हुआ था, जिसके बाद मायावती ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक का पद भी सौंप दिया, जिसका सीधा मतलब था कि आकाश बसपा में नंबर-2 पद पर थे।
निष्कासन के पीछे की क्या है वजह
अपने इस कदम को लेकर बसपा मुखिया मायावती का कहना है कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के आंदोलन के हित में और कांशीराम जी की अनुशासन परंपरा का पालन करते हुए आकाश आनंद को उनके ससुर की तरह पार्टी और आंदोलन के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है। मायावती ने कहा, बीएसपी की बैठक में कल आकाश आनंद को पार्टी हित से ज्यादा पार्टी से निकाले गए अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने की वजह से नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था. इसका उन्हें पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी चाहिए थी। मायावती ने आगे कहा, परिपक्वता दिखाने के बजाय आकाश ने जो अपनी लंबी–चौड़ी प्रतिक्रिया दी है, वो उसके पछतावे और राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर–मिशनरी है. इससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दंडित भी करती रही हूं।