उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक ने गुटखा खाकर थूका, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने लगाई फटकार – यूपी विधानसभा के सदन में एक सदस्य ने गुटखा खाकर गंदगी की। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा “सदन सभी का है, इसे स्वच्छ रखें और वो सदस्य आकर मुझसे मिल लें“
सतीश महाना बोले “मैं उन्हे अपमानित नहीं करना चाहता“
उत्तर प्रदेश में विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही जारी है। 5 मार्च को सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाएगा.। आज 4 मार्च, मंगलवार को जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आते ही सभी सदस्यों से बताया कि– आज सबेरे मुझे सूचना मिली कि हमारी विधानसभा के हॉल में किसी माननीय सदस्य ने पान मसाला खा कर वहीं पर सेवाएं दे दी थी। मैंने उसको साफ करावाया है और मैंने वीडियो में माननीय सदस्य को देख भी लिया है।

स्पीकर ने आगे कहा– लेकिन मैं किसी इंडिविजुअल को अपमानित नहीं करना चाहता हूँ इसलिए किसी का नाम नहीं ले रहा हूं, मेरा सभी सदस्यों से निवेदन है कि अगर अपने किसी साथी को ऐसा करते देखें तो उसे वहीं रोक दें।
अपने आप आकर कह दें नहीं तो मैं बुलवा लूंगा
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि मेरी बात समझें, यह हम सबकी विधानसभा है। यह सिर्फ अध्यक्ष की विधानसभा नहीं है। इसकी जिम्मेदारी सभी 403 सदस्यों की है। यह यूपी की 25 करोड़ जनता की विधानसभा है। इसको साफ सुथरा रखना हमारी जिम्मेदारी है। विधानसभा में स्पीकर द्वारा यह जानकारी दिए जाने के बाद कुछ सदस्यों ने कहा कि अमुक सदस्य का नाम लिया जाए जिस पर सतीश महाना ने कहा – नहीं किसी का नाम नहीं लूंगा। लेकिन जिसने किया है वह स्वयं अगर आकर कह देंगे कि उन्होंने किया है। वह अपने आप आकर कह दें कि मैंने किया है नहीं तो मैं बुलवा लूंगा।
समाजवादी पार्टी के विधायकों ने किया था सदन से वॉक आउट
–इससे पहले सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान सदन में काफी प्रतिरोध देखने को मिला था। समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने विश्वविद्यालयों में कार्य परिषद के चुनाव नहीं कराए जाने तथा कुलपतियों की नियुक्तियों में पीडीए को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने के खिलाफ भाजपा सरकार के उत्तर से असंतुष्ट होकर वॉक–आउट कर दिया। इससे पूर्व सपा की सदस्य डॉ. रागिनी सोनकर ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर अपने प्रश्न का सही उत्तर नहीं देने पर पूरे प्रश्न काल के लिए सदन से वाकआउट किया। सपा सदस्यों ने बजट पर चर्चा नहीं कराए जाने के विरोध में वेल में आकर धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।