vasubaras 2024: हिंदू धर्म में वसु बारस का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है, वसु बारस से दिवाली के उत्सव का पहला दिन शुरू होता है। दिवाली का पहला दिन यानी वसु बारस को भारत में गोवत्स द्वादशी के रूप में भी मनाया जाता है, इस दिन गायों को महत्व दिया जाता है और उनकी पूजा की जाती हैं। जानिए वसु बारस का महत्व, समय और पूजा के बारे में।
vasubaras 2024: महत्व
आज वासु बरस के दिन का तात्पर्य धन और तात्पर्य कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि से माना जाता हैं। आज का दिन शुभ दिन को महत्व देता है और आज 28 अक्टूबर से दिवाली के त्यौहार की शुरुआत हो जाती हैं। इस दिन गायों की पूजा करने है और आशीर्वाद मांगते हैं। महिलाएं गायों से आशीर्वाद प्राप्त करने के हेतु से व्रत रखती हैं और पूजा भी की जाती हैं। यह उत्सव अगल अगल राज्य में मनाया जाता हैं, जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर भारत के राज्य शामिल हैं।
vasubaras 2024: समय
- द्वादशी तिथि आरंभ – आज 28 अक्टूबर, 2024 – शाम 7 बजकर 51 बजे से शुरू।
- द्वादशी तिथि समापन – 29 अक्टूबर, 2024 – शाम 5 बजकर 4 बजे तक।
vasubaras 2024: पूजा अनुष्ठान
- साधु संत और भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पूजा अनुष्ठान शुरू करते हैं।
- लोगों इस दिन को गाय को महत्व देते हैं, गाय को हल्दी से सजाते हैं, माथे पर तिलक लगाते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
इस दिन, इच्छाओं की पूर्ति के लिए विशेष रूप से वासरासहित गाय की पूजा की जाती है। ओर नंदा नामक गाय के प्रति व्रत भी किया जाता है, वह भी पांच कामधेनुओं द्वारा।
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