सीएम योगी के विधानसभा मे दिए गए गिद्ध और सूअर वाले बयान पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर उन्होंने योगी आदित्यनाथ को जवाब दिया है।
–क्या कहा था योगी ने?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया था। महाकुम्भ पर बोलते हुए उन्होंने कहा था कि ‘महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला- गिद्धों को केवल लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली, संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्थावान को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, भक्तों को भगवान मिले…
–अखिलेश ने किया पलटवार
बिना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट की जिसमे लिखा कि ‘लेकिन महाकुंभ में जिन्होंने अपनों को तलाशा उन्हें न तो अपने उन परिवारवालों का नाम मृतकों की सूची में मिला, जो हमेशा के लिए खो गये और न ही खोया-पाया के रजिस्टर में। कुछ लोगों ने महाकुंभ में राजनीतिक अवसरवाद को तलाशा और उनको आत्मप्रचार का माध्यम मिला लेकिन उन्होंने अपनी नैतिकता, सत्यनिष्ठा और मानवीय संवेदनाओं को खो दिया और वाणी पर संतुलन को भी।”
उन्होंने महाकुंभ जैसे आयोजनो के बारे मे चर्चा करते समय सही शब्दों का चयन करने की नसीहत दी और भगवान से उन्हे सन्मति देने की भी प्रार्थना की। अखिलेश यादव जी ने लिखा- “अशोभनीय कथनों का उच्चारण बताता है कि मानसिकता जब नकारात्मकता के चरम पर होती है तो देश, काल, स्थान की गरिमा का ख़्याल न करते हुए शब्दों के रूप में प्रकट होती है। ‘महाकुंभ’ जैसे पावन-पवित्र धार्मिक-आध्यात्मिक पर्व के संबंध में बोलते समय शब्दों का चयन, इस अवसर के मान और प्रतिष्ठा के अनुकूल होना चाहिए। महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ, उनके पाप और पतन की सीमा भला कौन नाप सकता है। ऐसे कथनों से जिन सुधीजनों को ठेस पहुँची है, उनसे निवेदन है कि ऐसे लोगों के प्रति सहानुभूति की भावना रखें न कि आक्रोश की।
…सन्मति दे भगवान!
-26 फरवरी को होगा महाकुम्भ का समापन
गौरतलब है कि महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ चला है। जहां उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार इसके इंतजामों, बड़ी संख्या मे डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं और सफलता का श्रेय ले रही है और इसे विश्वस्तरीय आयोजन बताती रही है वहीं विपक्ष महाकुंभ में मची भगदड़ से लेकर तमाम अव्यवस्थाओं का जिक्र करता रहा है। अखिलेश और योगी के बयानों ने सत्ता और विपक्ष के बीच चल रही जुबानी जंग को और हवा दे दी है।